टायर कंपनी अपोलो टायर्स के शेयर फरवरी में हाई पिक पर पहुंचे थे और इस हाई से फिलहाल यह 4 फीसदी से अधिक निचे गिरे हुए है। इसके अलावा कंपनी के लिए मार्च तिमाही भी कुछ खास नहीं रही और इसका प्रोफिट गिर गया। इन सब बातों के बावजूद एक्सपर्ट ब्रोकरेज का मानना है कि इसके शेयर न सिर्फ फरवरी के रिकॉर्ड हाई लेवल को फिर छू सकते हैं बल्कि इसे क्रॉस करके नई ऊंचाई बना सकते हैं।
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कंपनी की स्थापना और ब्रांड
अपोलो कंपनी की स्थापना 1972 में हुई थी, कंपनी स्वचालित बायस और रेडियल टायर और ट्यूब बनाती है। इनकी मैन्युफैक्चरिंग कोच्चि, वडोदरा, पुणे और चेन्नई में करती है । उत्पाद प्रोफ़ाइल में भारत में टी एंड बी, हल्के ट्रक, यात्री कार और कृषि वाहन खंडों में प्रमुख टायर ब्रांड शामिल हैं। Apollo Tyres का कारोबार भारत और यूरोप में फैला हुआ है। भारतीय कारोबार की सेल्स में 67 फीसदी हिस्सेदारी है। भारतीय कारोबार की बात करें तो पैसेंजर कारों के सेगमेंट में इसकी 20 फीसदी और कॉमर्शियल गाड़ियों के सेगमेंट में 30 फीसदी हिस्सेदारी है।
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Apollo Tyres Share आज का प्राइस
दिग्गज टायर कंपनी अपोलो टायर्स के शेयर फरवरी में रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे और इस हाई से फिलहाल यह 4 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है। इसके अलावा कंपनी के लिए मार्च तिमाही भी कुछ खास नहीं रही और इसका मुनाफा गिर गया। इसके बावजूद ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इसके शेयर न सिर्फ फरवरी के रिकॉर्ड हाई लेवल को फिर छू सकते हैं बल्कि इसे क्रॉस करके नई ऊंचाई बना सकते हैं। आज की बात करें तो BSE पर यह 1.90 फीसदी की गिरावट के साथ 536 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
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Apollo Tyres के लिए क्या है टारगेट प्राइस?
अपोलो टायर्स कंपनी का कारोबार भारत और यूरोप में फैला हुआ है। भारतीय कारोबार की बिकवाली में 67 फीसदी हिस्सेदारी है। भारतीय कारोबार की बात करें तो पैसेंजर कारों के सेगमेंट में इसकी 20 फीसदी और कॉमर्शियल गाड़ियों के सेगमेंट में 30 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी के कारोबारी की बात करें तो मार्च 2024 तिमाही कंपनी के लिए कुछ खास सेहतमंद नहीं रही। अपोलो टायर्स का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 17 फीसदी गिरकर 354 करोड़ रुपये पर आ गया जबकि टोटल ऑपरेटिंग इनकम लगभग फ्लैट 6258 करोड़ रुपये पर रही।
हालांकि आगे की बात करें तो ब्रोकरेज का मानना है कि 16-17 फीसदी का मार्जिन लेवल बनाए रखते हुए वित्त वर्ष 2026 में कंपनी नेट डेट फ्री यानी कर्ज मुक्त हो जाएगी। ऐसे में ब्रोकरेज के मुताबिक आगे फिर इसके रेटिंग की जरूरत पड़ सकती है। इन सब बातों को देखते हुए घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने इसकी रेटिंग को अपग्रेड कर खरीदारी कर दी है और टारगेट प्राइस 650 रुपये पर फिक्स किया है।
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एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल
पिछले साल 28 सितंबर 2023 को अपोलो टायर्स के शेयर 367.20 रुपये के भाव पर थे, जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस लेवल से 5 महीने में यह 53 फीसदी से अधिक उछलकर 6 फरवरी 2024 को 553 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। हालांकि शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस रिकॉर्ड हाई से यह 4 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है। ब्रोकरेज के मुताबिक मौजूदा लेवल से अभी यह करीब 20 फीसदी उछाल आ सकता है और पुराने हाई रिकॉर्ड को भी पार कर सकता है।
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