निवेश करने के लिए हर कोई आजकल इधर उधर भटक रहा है। कोई एफडी आरडी में निवेश कर रहा है तो कोई पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स में निवेश कर रहा है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इनसे भी ज्यादा रिटर्न देने वाली एक स्कीम है, जिसे म्यूच्यूअल फंड के नाम से जाना जाता है।
म्युचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड कई निवेशकों के लिए एक निवेश प्रवेश द्वार है। म्यूचुअल फंड बहुत लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक हैं। म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं। जब निवेश किये गए पैसा से लाभ उत्पन्न होता है तो उसे निवेशकों के बीच उनके निवेश के आधार पर बाट दिया जाता है। म्यूचुअल फंड बाज़ार के प्रदर्शन के आधार पर परिवर्तनीय रिटर्न प्रदान करते हैं।
म्यूचुअल फंड में क्यों निवेश करें?
मैनेज करने में आसान: आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि यह बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं।
कम फीस : म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बात जाती है।
कई विकल्प : म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा देता है। आप जिस म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं उस फण्ड में से किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है। बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ कम लिया जाए।
पारदर्शिता : म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी जनता को दी जाती है।
म्यूचुअल फंड का चयन कैसे करें?
आपको पहले ये चुनना होगा की आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं। व्यापक रूप से, इक्विटी फंड तभी चुने जाने चाहिए जब आप ज़्यादा जोखिम उठाने को तैयार हों और इसकी समय सीमा 5 वर्ष से अधिक हो। अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं, तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए। ध्यान दें, सभी म्यूचुअल फंड यहां तक कि डेट फंड में भी कुछ जोखिम होता है।
आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं, इसके बाद आप एक फण्ड उसमें से चुन सकते हैं। ये फण्ड चुनने के लिए एक समयसीमा में उसका प्रदर्शन देख, उसकी तुलना कर फंड चुन सकते हैं। कुछ अन्य कारक, जिन पर आप भी विचार कर सकते हैं:
फंड मैनेज का अनुभव – फंड मैनेज करने वाली कंपनी कब से फण्ड मैनेज कर रही है और उसका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है।
पोर्टफोलियो – क्या वह म्यूचुअल फंड है, ज़्यादा जोखिम के साथ छोटी कंपनियों में निवेश कर ज़्यादा लाभ कमा रहा है? आपको ये भी देखना चाहिए कि वो म्यूचुअल फण्ड किसी एक क्षेत्र में अपना पैसा लगा रहा है या अलग-अलग में? ये भी देखें कि कितना पैसा इक्विटी में लगाया गया है और कितना डेट में?
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
- म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास एक निवेश अकाउंट होना चाहिए।
- इसके लिए, आपके KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है।
- इसके लिए आपके फोटो, आपके हस्ताक्षर, पहचान प्रमाण, आधार और पता प्रमाण की आवश्यकता होती है।
- इस अकाउंट के सफल एक्टिवेशन पर, आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं।
- म्यूचुअल फंड में आप सीधे AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के साथ या एक अधिकृत एजेंट की तरह बैंकर, ब्रोकर और पेटीएम मनी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।