हमारे देश में जैसे-जैसे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं प्रारंभ होगी वैसे-वैसे कम्पनिओं को ज्यादा धन की आवश्यकता होगी, इसके लिए IREDA अलग-अलग जगह से धन जुटाने का प्रयास करते हुए देखी जा रही है, कंपनी ने हाल ही में घोषणा की है कि कंपनी जल्द ही FPO लाने वाली है यानि Follow on Public Offer लाने वाली है।
अपने देश में नवीकरणीय ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 200 गीगावॉट है जिसे भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए देश में नवीकरणीय ऊर्जा की अनेक परियोजना शुरू करने की जरुरत है। जिनको चलने के लिए यानि कर्जा देने के लिए IREDA का अहम रोल है। क्योकि कंपनी सावर परियोजनाओं को ही वित्त सहायता देती है।
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IREDA का कैसा रहा पिछ्ला प्रदर्शन
इरेडा के द्वारा कुछ दिनों पहले वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही रिजल्ट जारी किया गया था, जिसमें कंपनी ने बताया था की कंपनी की इनकम बढ़कर 1514.46 करोड रुपए हो गई है जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 1155.32 करोड रुपए थी जो दर्शाता है कि कंपनी की आय में 31.09 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा भी पहली तिमाही में बढ़कर 383.68 करोड़ रुपए हो गया है जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 294.57 करोड रुपए था, यानी कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 30.25% की सालाना वृद्धि हुई है।
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FPO लाने की तैयारी में इरेडा
सरकार के अधीन वित्तीय कंपनी भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड नई अक्षय ऊर्जा उत्पादक परियोजनाओं के संचालन और विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना चाहती है, जिसके लिए कंपनी FPO लाने की योजना बना रही है जिसके तहत कंपनी 4,500-5,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास करेगी
कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने FPO से जुड़ी अधिक जानकारी देते हुए बताया कि हम फरवरी 2025 तक लगभग 4,500 से 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए FPO लाने की योजना बना रहे हैं जिसके लिए हमने पहले ही नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को एप्लीकेशन लिख चुके हैं,
सरकार की हिस्सेदारी में आएगी कमी
IREDA एफपीओ लाने के लिए 5000 करोड रुपए तक जुटाने का प्रयास करेगी जिसके लिए कंपनी को हिस्सेदारी बेचने की आवश्यकता होगी, जिसकी जानकारी देते हुए प्रदीप कुमार दास कहते हैं कि सरकार की मौजूदा इक्विटी हिस्सेदारी 75% है जिसे नई इक्विटी प्राप्त करने के लिए सरकार की मौजूदा इक्विटी कम करने की जरूरत है। प्रदीप कुमार दास आगे कहते हैं कि कंपनी को एफपीओ लाने के लिए सरकार की सहमति जरूरी है, जो सरकार की शेयरधारिता प्रतिशत में कमी लाने के बारे में होगी।
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IREDA बना रही धन जुटाने की योजना
दास सरकार के नवीरणीय ऊर्जा के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार नवीकरणीय ऊर्जा की उत्पादन को 2030 तक 500 गीगावॉट तक बढ़ाना चाहती है, जिसके लिए देश में नई-नई परियोजनाओं की शुरुआत करने की जरुरत है जो IREDA के लिए बिज़नेस में सहायता करने वाली है जिसके लिए कंपनी को ज्यादा धन की जरूरत होगी।
दास जी आगे बताते हैं कि कंपनी ज्यादा धन जुटाने के लिए कर्ज के माध्यम से 20,000-25,000 करोड़ रुपये भी जुटाने की योजना भी बना रही है। वे कहते हैं कि एफपीओ के अलावा भी हमें और धन जुटाना की भी जरूरत है, जिसके लिए हमें 30,000-35,000 करोड़ रुपये धन जुटाने की जरुरत है जो हमारे नेटवर्थ 9000-10000 करोड रुपए से लगभग 20000-25000 करोड़ रुपये ज्यादा का है।
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