Suzlon News : भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट ऊर्जा आवश्यकताओं और कार्बन उत्सर्जन की समस्या से निपटने के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए देश में सौर ऊर्जा के साथ-साथ पवन ऊर्जा से जुड़ी नई नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।
परियोजनाओं का सही ढंग से संचालन करने के लिए आवश्यक सरकारी नीतियां और प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है। जिससे आने वाले समय में अनेकों पवन चक्की ऊर्जा परियोजनाएं प्रारंभ होती हुई देखी जाएंगी, जिसका सबसे ज्यादा फायदा पवन चक्की जनरेटर बनाने वाली कंपनी Suzlon एनर्जी को होने वाला है, जिसका पॉजिटिव प्रभाव कंपनी के शेयर में भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि सप्ताहिक क्लोजिंग के दिन स्टॉक 4.14% की बढ़त के साथ 80 रुपए पर क्लोज हुआ था।
कंपनी जल्दी ही करेगी डिविडेंड की घोषणा
Suzlon कंपनी ने जिक्र करते हुए कहा है कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी 31 जनवरी 2024 से लागू की गई है, इसके साथ-साथ Suzlon एनर्जी के CFO हिमांशु मोदी ने वार्ता करते हुए कहा है कि मुझे पता है कि सभी शेयरधारकों के लिए डिविडेंड पसंद होता है, लेकिन मुझे अभी डिविडेंड जारी करने की तिथि और डिविडेंड से जुड़ी अधिक जानकारियां नहीं है, लेकिन हमने एक खाखा तैयार किया है, जो वित्तीय वर्ष 2025 के लिए तैयार किया है कि डिविडेंट पर चर्चा मई 2025 में करना ठीक रहेगी।
Suzlon खरीदेगी रेनोम एनर्जी सर्विसेज की हिस्सेदारी
Suzlon एनर्जी ने 8 अगस्त को घोषणा की थी कि वह पवन ऊर्जा परियोजनाओं को संचालित और रखरखाव करने वाली कंपनी रेनोम एनर्जी सर्विसेज में से संजय घोडावत समूह से हिस्सेदारी खरीदेगी, सुजलॉन कंपनी 660 करोड रुपए में रेनोम एनर्जी सर्विसेज की 76% की हिस्सेदारी खरीदेगी।अधिग्रहण की यह प्रक्रिया दो किस्तों में पूरी होने वाली है, सुजलॉन एनर्जी 400 करोड़ रुपए की पहली किस्त से रेनोम की 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी, पहली किस्त से किए जाने वाले अधिग्रहण के 18 महीने के भीतर दूसरी किस्त से अधिग्रहण करना होगा, जिसके तहत कंपनी 260 करोड रुपए से 25% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
Suzlon की ऑर्डर बुक में होगा विस्तार
भारत में कुछ दिन पहले गुजरे गर्मी के मौसम में तापमान में वृद्धि देखने को मिली, जिससे देश में ऊर्जा खपत ज्यादा देखने को मिली, जिसे पूरा करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय को बड़ी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा था, ऊर्जा कि इस मांग से अगले वर्ष भी ऊर्जा खपतमें वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसके लिए सरकार सौर ऊर्जा के साथ-साथ पवन ऊर्जा परियोजनाएं भी स्थापित करेगी, क्योंकि सौर ऊर्जा से ऊर्जा का उत्पादन दिन के समय में ही हो पता है जबकि ऊर्जा की मांग में रात्रि में ज्यादा देखने को मिलती है।
सरकार ने निर्धारित किया है कि वित्तीय वर्ष 2027 तक देश में 10 गीगावॉट की उत्पादन क्षमता वाली पवन परियोजना स्थापित की जाएंगी। जिसका पॉजिटिव प्रभाव सुजलॉन एनर्जी पर भी देखने को मिलेगा, सुजलॉन एनर्जी पवन चक्की के निर्माण में नंबर वन कंपनी है। इसलिए सुजलॉन कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक के विस्तार में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
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मार्केट रिस्क क्रेडिट रिस्क लिक्विडिटी रिस्क लिक्विडिटी रिस्क
14 अगस्त को Suzlon ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कंपनी की ओर से पूरे साल के कारोबार की जानकारी दी गई थी।जिसमें कंपनी ने कारोबार से जुड़े कुछ जोखिमों जैसे मार्केट रिस्क, लिक्विडिटी रिस्क और क्रेडिट रिस्क के बारे में भी चर्चा की थी, जिसे हमने अपने इस पोस्ट में पेश किया है। जो कंपनी के निवेशकों के लिए जानना महत्वपूर्ण है।
मार्केट रिस्क
कंपनी के द्वारा जारी की गई सालाना रिपोर्ट में कंपनी ने कुछ मार्केट रिस्क की भी चर्चा की है जिसमें कंपनी ने बताया है कि मार्केट में उत्पादों की कीमतों में बदलाव के कारण कैश फ्लो की फेयर वैल्यू में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, जिसमें इंट्रेस्ट रेट रिस्क, फॉरेन करंसी रिस्क, सेंसिटिविटी भी शामिल है। कंपनी की ओर से जानकारी दी गई है कि रुपए के मूल्य में 31 मार्च 2024 के आखिर तक फाइनेंशली असेट्स में डॉलर एक्स्पोज़र 433 करोड़ रुपए, यूरो में एक्स्पोज़र 145.5 करोड रुपए और दूसरी विदेशी मुद्राओं में एक्सपोजर 64 करोड रुपए का था।
अगर बात करें लाएबिलिटी एक्सपोजर की तो लाएबिलिटी में डॉलर में एक्सपोजर 506 करोड़ रुपये, यूरो में एक्सपोजर 102 करोड़ रुपये और अन्य मुद्राओं में एक्सपोजर 73.47 करोड़ रुपये है।अगर किसी कारण वश रुपए की तुलना में इन विदेशी मुद्राओं में उतार-चढ़ाव आते हैं तो एक्सपोजर का आंकड़े में भी तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे।
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लिक्विडिटी रिस्क
लिक्विडिटी रिस्क (Liquidity Risk) में कंपनी में उन जोखिमों को शामिल किया है जिसमें कंपनी अपनी वित्तीय देनदारी को चुका नहीं पाती है, जिसमें रिस्क मैनेजमेंट के द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि इतनी लिक्विडिटी बनाकर रखी जाए जिससे आवश्यकता होने पर फंड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके
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क्रेडिट रिस्क
सुजलॉन एनर्जी के द्वारा क्रेडिट रिस्क में उन जोखिमों को शामिल किया गया है, जिसमें ग्राहक या काउंटर पार्टी कॉन्ट्रैक्ट की निर्धारित शर्तों को पूरा न किए जाने पर जोखिम उठाना पड़ता है, जिसमें Financial Instruments और Trade Receivables से जुड़े जोखिमों को भी शामिल किया गया है।
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Suzlon Energy Ltd Fundamental Analysis
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूँ, सुजलॉन कंपनी का मार्किट कैप 1,08,050 करोड़ रुपए का है। जिसमे कम्पनी का 52 वीक का हाई लेवल 84.40 रुपए का है और निचे का स्तर 19.80 रुपए का है। Stock P/E 117 का है, जबकि Industry PE 59.3 का है यानि कंपनी का Stock P/E कुछ ज्यादा है। जो नहीं होना चाहिए। कंपनी ने जून तिमाही में 2,022 करोड़ रुपए का व्यापार किया जिसे कम्पनी को जून तिमाही में शुद्ध प्रॉफिट 302 करोड़ रुपए का हुआ जबकि पिछले वर्ष की जून तिमाही में 1351 करोड़ रुपए का व्यापार किया था और उससे कम्पनी को शुद्ध प्रॉफिट 101 करोड़ रुपए रुपए का हुआ था उसको देखते हुए कम्पनी बोहत बढ़िया प्रोग्रेस कर रही है।
सुजलॉन का ROCE 24.7% का है और ROE 28.4% का है। ये दोनों कम्पनी के बढ़िया है। कंपनी की Promoter holding13.3% की है, जो बोहत ही कम है, जो कम से कम 50% तो होनी चाहिए। कम्पनी पर कर्ज 150 करोड़ रुपए का है, जो मार्किट कैप को देखे तो कोई खास नहीं लगभग ना के बराबर ही समझो। कम्पनी का Dividend Yield 0.00 % का है। कम्पनी में एफआईआई होल्डिंग 21.53% की है और डीआईआई होल्डिंग 9.17% की है। ये दोनों भी बढ़िया है। इसमें सरकार की होल्डिंग नहीं है और पब्लिक की होल्डिंग 56.03% की है।
सुजलॉन कंपनी ने 1 साल का रिटर्न 303.79%, 3 साल का रिटर्न 143.17% और 5 साल का रिटर्न 82.12% का दिया है जो बहुत ही बढ़िया है।
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